शारदा सिन्हा के देहांत पर देशभर में शोक,पीएम मोदी समेत नेताओं ने जताया दुख

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है. लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है. कई नेताओं ने अपने सोशल अकाउंट पर ट्वीट कर शारदा के निधन पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने लिखा है- सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुखी है.

पीएम मोदी ने कहा कि शारदा की गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं. आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी हमेशा बनी रहेगी. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर कहा है कि पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा के निधन पर उनकी गहरी संवेदनाएं हैं. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि बिहार कोकिला शारदा सिन्हा मशहूर लोक गायिका थी, उन्होंने मैथिली बज्जिका, भोजपुरी के अलावा हिंदी गीत भी गए थे. उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में अपनी मधुर आवाज दी थी.

संगीत जगत में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया था. स्वर्गीय शारदा सिन्हा के छठ महापर्व आवाज में गाए मधुर गाने बिहार और उत्तर प्रदेश में गूंजते हैं. उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.

अमित शाह ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि अपनी मधुर आवाज से 5 दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊंचाई देने वाली शारदा सिन्हा का निधन अत्यंत दुखनीय है. बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध शारदा सिन्हा जी ने मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाया और पार्षद गायिका के रूप में फिल्म जगत को मंत्र मुक्त करती रही.

One thought on “शारदा सिन्हा के देहांत पर देशभर में शोक,पीएम मोदी समेत नेताओं ने जताया दुख

  1. शारदा सिन्हा जी के निधन से मैं भी अत्यंत दुखी हूँ। उनकी आवाज़ ने न केवल बिहार और उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश को अपने संगीत से सराबोर किया। उनके गीत छठ महापर्व की आत्मा बन गए थे, और उनकी मधुरता हमेशा हमारे दिलों में रहेगी। मैंने उनके गीतों को सुनकर बचपन से ही उनकी प्रशंसा की है। उनका संगीत हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ता रहा। क्या आपको लगता है कि आज के समय में उनके जैसी प्रतिभा को पहचान मिल पाएगी? उनके निधन से संगीत जगत में जो खालीपन आया है, उसे भर पाना मुश्किल लगता है।

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