हरियाणा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बीच कैथल जिले में अपने खेतों में पराली जलाने के लिए कुछ दिनों में ही 14 किसानों को गिरफ्तार किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. दिल्ली में खास तौर से अक्टूबर और नवंबर में कटाई के बाद के मौसम के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए हरियाणा और पड़ोसी पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है.
हरियाणा में कैथल जिले के पुलिस उपाधीक्षक वीरभान ने फोन पर बताया कि पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के लिए 14 किसानों को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिह कर दिया गया है .क्योंकि यह अपराध जमानती है.
उन्होंने बताया कि पराली जलाने के लिए प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम और कानून के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. पानीपत और यमुनानगर समेत कुछ अन्य जिलों में भी प्रणाली जलाने के लिए हाल ही में एफआईआर दर्ज की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा नहीं चलने को लेकर हरियाणा और पंजाब सरकारों को फटकार लगाई थी. उसने दोनों राज्य के मुख्य सचिवों को 23 अक्टूबर को समक्ष पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है.
रबि की फसल गेहूं की बुवाई के लिए किसान अपने खेतों को साफ करने के लिए धन के अवशेषों को जलाते हैं, क्योंकि कटाई और बुवाई के बीच की अवधि बहुत कम होती है.हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव एवं सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने हाल ही में सरकार से मांग की है कि पराली के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करें और किसानों से इसे खरीदा जाए.