राजस्थान के जोधपुर में दिवाली से पहले सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक महिला की हत्या कर उसके शव को 6 टुकड़ों में काटकर बोर में भरकर जमीन में दफना दिया गया.
50 साल की अनीता चौधरी ब्यूटीशियन का काम करती थी ,इसके साथ ही वह प्रॉपर्टी डीलिंग का बिजनेस भी करती थी. घटना जोधपुर के बोरा नाडा थाना क्षेत्र के गंगाना गांव की है, महिला 3 दिन से गायब थी, परिवार द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की. बुधवार को पुलिस को कामयाबी मिली और अनीता का शव जोधपुर के गंगाना क्षेत्र में जमीन के अंदर दबा मिला.
जानकारी के अनुसार सरदारपुर क्षेत्र में रहने वाली अनीता चौधरी एक ब्यूटी पार्लर चलाती थी. 27 अक्टूबर को उसके परिजनों ने सदरपुर थाने में गुमशुदगी को लेकर मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने जब महिला को लेकर खोजबीन शुरू की तो सीसीटीवी फुटेज में टैक्सी में बैठकर वह जाती हुई नजर आई. नंबरों के आधार पर टैक्सी ड्राइवर से पूछताछ की गई. टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि महिला को उसने गंगाना क्षेत्र में छोड़ा था, पुलिस के सामने यह बात आई कि जिस घर पर टैक्सी ड्राइवर लेकर गया वह महिला की ब्यूटी पार्लर की दुकान के पास ही रफू की दुकान संचालित करने वाले गुलामुद्दीन का मकान था, वहां गुलामुद्दीन घर पर नहीं मिला तो पुलिस को शक हुआ.
परिजनों से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो गुलामुद्दीन के परिवार ने बताया कि महिला की हत्या करके उसका शव घर के सामने ही 10 फीट गहरे गड्ढे में छुपा दिया गया है. इसके बाद पुलिस ने गुलामुद्दीन की पत्नी को हिरासत में लिया है. पुलिस ने घर के सामने बने गड्ढे से शव को बरामद कर मोर्चरी में रखवा दिया है. महिला का गला दोनों हाथ और दोनों पैर काटे गए. जिस सफाई से काटे गए उसे देखकर लगता है कि ग्राइंडर से उसके शरीर के टुकड़े किए गए हैं. पुलिस इस मामले में आरोपी की सरगर्मी से तलाश कर रही है.
मृतका के बेटे का कहना है कि उसकी मां को विश्वास में लेकर गुलामुद्दीन और उसके परिवार के लोगों ने घर पर बुलाया और उसकी हत्या कर दी. उसने बताया कि पिछले कई दशकों से गुलामुद्दीन से पारिवारिक रिश्ता है, गुलामुद्दीन को उसकी मां अपना भाई मानती थी. वहीं इस मामले में आरएलपी के नेता संपत पूनिया ने कहा कि जिस तरह से उदयपुर में कन्हैयालाल की गला रेत कर हत्या की गई थी,यह उससे भी जघन्य अपराध है. उन्होंने कहा कि जब तक परिवार को न्याय और मुआवजा नहीं मिलेगा हम संघर्ष करते रहेंगे.