जिम ट्रेनर ने लाइव लगाई फांसी,ब्लैकमेल से तंग थी 19 वर्षीय स्नेहा

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यूपी के जालौन में उरई शहर के गणेश मोहल्ले में एक युवती ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.मृतक युवती ने सुसाइड से पहले अपनी मां को मैसेज कर बताया कि वह अच्छी बेटी नहीं बन पाई, वह एक गलत इंसान से प्यार कर बैठी. अपना ख्याल रखना.

युवती ने मां को व्हाट्सएप पर वीडियो और मैसेज भेज कर अपनी मौत का खुलासा किया. मृतक जिम ट्रेनर मां को भेजे मैसेज में एक युवक पर प्रेम में धोखा देने का आरोप लगा रही है.

सुसाइड करने वाली युवती न्यू वायरलेस जिम में ट्रेनर थी. बेटी की मौत और उसके भेज मैसेज से आहत होकर मां ने धोखा देने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने मैसेज के मुताबिक जिम मालिक, जिम ट्रेनर, सहित चारों युवकों पर केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

बता दे की 19 वर्षीय स्नेहा कुमारी उर्फ जिया बीएससी फाइनल की छात्रा थी. वह एक साल से इलाहाबाद बैंक के पास स्थित न्यू वायरलेस जिम में ट्रेनर के रूप में काम कर रही थी. जिम मालिक आकाश गुप्ता, ट्रेनर शानू, विशाल पुरवाल और हिमांशु यादव उसका मानसिक उत्पीड़न कर उसे ब्लैकमेल कर रहे थे. स्नेहा का हिमांशु यादव से प्रेम प्रसंग भी चल रहा था. चारों युवकों के ब्लैकमेल से तंग आकर युवती ने यह कदम उठाया है.

शनिवार की शाम को स्नेहा ने हिमांशु यादव को वीडियो कॉल किया था. इसके बाद घर के कमरे के दरवाजा बंद कर उसने बिस्तर पर बिछने वाली चादर को पंखे से बांधकर फंदा लगा लिया. इसके बाद उसने खुदकुशी का लाइव वीडियो बनाया. वीडियो बनाने के लिए उसने मोबाइल का कैमरा खुला छोड़ दिया था और फंदे पर लटक कर खुदकुशी कर ली थी. कुछ देर बाद उसकी मां रानी देवी घर पहुंची तो देखा कि स्नेहा फंदे पर झूल रही है और मोबाइल सामने रखा हुआ है. इसके बाद मां ने घर के सदस्यों के साथ पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

One thought on “जिम ट्रेनर ने लाइव लगाई फांसी,ब्लैकमेल से तंग थी 19 वर्षीय स्नेहा

  1. यह घटना वाकई बहुत दुखद है। स्नेहा की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। उसके साथ हुए मानसिक उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग की बात सुनकर गुस्सा आता है। क्या यह सही है कि कुछ लोगों की वजह से एक युवती को अपनी जान गंवानी पड़ी? क्या समाज में ऐसे मामलों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाने चाहिए? स्नेहा की मां ने जो कदम उठाया है, वह सही है, लेकिन क्या यह पर्याप्त है? क्या हमें ऐसे मामलों में और जागरूकता फैलाने की जरूरत है? क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे मामलों में समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए?

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