उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एक आरोपी ने बैंक को नकली आभूषण देखकर लोन लेकर बड़ा चूना लगा दिया.
पुलिस ने बताया कि तीन बैंकों से गोल्ड लोन के लिए नकली आभूषण बंधक रखे गए और 33 लाख रुपए से ज्यादा का लोन एक साजिश के तहत ग्राहकों को दिलाया गया. बैंकों को भारी नुकसान पहुंचाने के आरोप में बैंकों की ओर से नियुक्त स्वर्ण जांच करता फॉर्म भावना आर्नामेंट्स के स्वामी राजू सेठ और 12 अन्य ग्राहकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मंगलवार को यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया की ज्ञानपुर शाखा के प्रबंधक फुरकान अली खान की तहरीर पर राजू सेठ और लोन लेने वाली आरती देवी, अजय कुमार, रजनीश और जुबैद आलम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 420 406 120 बी के तहत ज्ञानपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि पूर्व में तैनात शाखा प्रबंधक गुलाब सिंह के कार्यकाल में 5 अप्रैल 2024 से 9 में 2024 के बीच बैंक की ओर से राजू सेठ के अनुमोदन पर आरती देवी, अजय रजनीश और जुबैद को कुल 1350687 रूपयों का गोल्ड लोन दिया गया था.
उन्होंने बताया कि 27 सितंबर को प्रयागराज के फूलपुर स्थित ए यू ऑर्नामेंट्स प्राइवेट लिमिटेड से बंधक रखे गए गोल्ड आभूषण की दोबारा जांच कराने पर बैंक में बंधक रखे गए सभी गोल्ड आभूषण नकली पाए गए. कात्यायन ने बताया कि एक अन्य बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की गोपीगंज शाखा में भी इसी तरह के फर्जीवाडा का मामला सामने आया है. इस बैंक ने भी राजू सेठ के अनुमोदन पर राम सिंह,मनोज कुमार,विनोद कुमार और निर्मला देवी को कुल 8,05,256 रुपये का गोल्ड लोन दिया गया था.
इस बंधक में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक दुर्गेश एन.सिंह ने तहरीर देकर बताया कि बैंक में बंधक रखे गए आभूषण की जांच, बैंक के केंद्रीय कार्यालय में कराई गई और सभी आभूषण नकली पाए गए.इस संबंध में बुधवार को सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि तीनों बैंक ने गोल्ड आभूषण की जांच के लिए मेसर्सभावना ऑर्नामेंट्स को नियुक्त किया था.तीन बैंकों को इस धोखे से 33 लाख 30 हजार 365 रुपये का नुकसान हुआ है.